1. बारूद, दूध, जल, धुआँ और गंधक इनमें विषमांग मिश्रण पदार्थ हैं:
C. तीन
2. निम्नलिखित में धातु हैं:
C.पारा
3. निम्नलिखित में अधातु हैं :
a.गंधक
4. निम्नलिखित में उपधातु हैं :
C. आर्सेनिक
5. अधातुओं के आक्साइड होते हैं :
d.अम्लीय
6. वायु है:
a. समांग मिश्रण
7. कौन सी वस्तु द्रव्य नहीं है:
C. विद्युत
8. mग्राम द्रब्यमान के लुप्त होने पर ऊर्जा उत्पन्न होगी :
b. mc^{2} अर्ग
9. भूपर्पटी में जो तत्त्व सबसे अधिक मात्रा में पाया जाता है, वह है:
a. आक्सीजन
10. नमक का जलीय विलयन है:
d.समांग मिश्रण
11. गर्म करने पर पिघलता है :
b. इनमें से कोई नहीं
12. गर्म करने पर द्रव में बदले वाष्प में बदलने की क्रिया को कहते हैं :
a. ऊर्ध्वपातन
13. भूगर्भ में सबसे अधिक मात्रा में पाया जाने वाला धातु है :
d. एल्युमीनियम
14. नौसादर और रेत के मिश्रण को अलग करने में क्रिया प्रयुक्त होती है :
C. ऊर्ध्वपातन
15. रक्त है:
a. विषमांग मिश्रण
16. ओजोन है आक्सीजन का :
a. अपररूप
17. हिरा (duanibd) :
C. तत्त्व
18. ग्रेफाइट अपररूप है:
a.कार्बन का
19. जर्मेनियम है:
a. उपधातु
20. भाप है :
b.यौगिक
21. नमक और नौसादर के मिश्रण को पृथक किया जा सकता है :
C.ऊर्ध्वपातन द्वारा
22. जो पदार्थ नम वायु में रखने पर वायु से नमी लेकर संतृप्त विलयन बनाते हैं,उन्हें कहते हैं :
b. प्रस्वेद्य
23. फिरस सल्फेट (हरा कसीस) के क्रिस्टल होते हैं :
C. उत्फुल्ल
24. बिना बुझा चूना है :
a.आर्द्रताग्राही
25. निम्नलिखित में प्रस्वेद्य पदार्थ है :
C.सोडियम हाइड्राक्साइ
26. निम्नलिखित में रासायनिक परिवर्तन नहीं है :
C.वाष्प का बनना
27. निम्न अभिक्रियाओं में रासायनिक अभिक्रिया है :
C. हाइड्रोजन का जलना
28. चूने का बुझना है :
b.रासायनिक परिवर्तन
29. अन्तर-आणविक बल अधिक होता है :
C. ठोस में
30. अन्तर-आणविक बल नगण्य होता है :
C. गैस में
31. अमलगम होता है :
C. मिश्रधातु
32. निम्नलिखित में से कौन-सा तत्त्व धातु नहीं है:
C. एन्मटीनी
33. दो या दो से अधिक तत्त्वों को निश्चित अनुपात में मिलाने से बनता है:
d. यौगिक
34. आज के जीवन में दिन-प्रति दिन प्रयोग आने वाली विज्ञान की अभूत पूर्व देन है:
a. प्लास्टिक तथा काँच
35. जब बर्फ पिघलती है तो अणुओं की स्थितज ऊर्जा
C. बढ़ती है
36. अन्तर-आणविक स्थान अधिक होता है :
b.गैस में
37. ताप बढ़ाने पर अणुओं की ऊर्जा में होगी :
b. वृद्धि
38. उर्ध्वपातन में सर्वप्रथम क्रिया होती है :
C. ठोस का द्रव में अल्पकाल के लिए परिवर्तन
39. पदार्थ के अणुओं के बीच आकर्षण होता है :
C. ठोस अवस्था में सबसे अधिक
40. क्वथनांक पर द्रव का बाह्य दाब तथा वायुमण्डलीय दाब होते हैं:
a. बराबर
41. बिना गर्म किए किसी ताप पर किसी द्रव की सतह से अणुओं का धीरे-धीरे वायु में मिलाने की क्रिया को कहते हैं :
b. वाष्पन
42. निम्नलिखित में कौन सा तत्त्व धातु नहीं है:
b. एन्टीमनी
43. निम्नलिखित में से मिश्रण है: (टूथपेस्ट, लोहा, चाँदी, दूध, चीनी, स्याही, हवा)
b.हवा, स्याही, दूध, टुथपेस्ट
44. जल में घुलनशील अशुद्धियाँ बढ़ा देती है जल के क्वथनांक को :
C. क्वथनांक को
45. प्रेशर कुकर में खाना जल्दी पकता है क्योंकि:
C. क्वथन अधिक ताप पर होता है
46. बर्तन में रखा गर्म दूध जल्दी ठंडा होगा यदि:
a. बर्तन के चारो ओर बर्फ रखी जाये
1. द्रब्य :
वे वस्तुयें, जो स्थान घेरती हैं तथा द्रव्यमान रखती हैं, द्रव्य कहलाती हैं. द्रब्य तीन विभिन्न अवस्थाओं (ठोस , द्रब्य तथा गैस) में पाया जाता है.
2. ऊर्जा :
प्रकाश, ऊष्मा, ध्वनि, विद्युत आदि ऊर्जा के विभिन्न स्वरूप हैं. ऊर्जा अविनाशी है. आधुनिक विचारों के अनुसार ऊर्जा को द्रब्यमान में तथा द्रब्यमान को ऊर्ज में रूपान्तरित किया जाता है.
3. आइन्स्टीन का ऊर्ज-तुल्यता का नियम :
इस नियम के अनुसार, m ग्राम द्रब्यमान के लुप्त होने पर mc^{2} अर्ग ऊर्जा उत्पन्न होती है अर्थात् E = mc^{2}, जहाँ E = ऊर्जा अर्ग में, m = द्रव्यमान ग्राम में, c = प्रकाश का वेग = 3 \times 10^{10}सेमी०/से०
4. तत्त्व :
तत्त्व प्रकृति का मूल पदार्थ है जिसमें एक ही प्रकार का सरलतम पदार्थ होता है अर्थात् वे समान परमाणुओं से बने होते हैं जैसे, ताँबा, चाँदी, आक्सीजन अदि. अब तक 108 तत्त्वों की खोज हो चुकी है. भूपर्पटी तत्वों का मुख्य उद्गम है. अधातुओं में आक्सीजन तथा धातुओं में एल्युमीनियम सबसे अधिक मात्रा में पाया जाता है. तत्त्वों को उनके गुणों के आधार पर निम्न तीन वर्गों में विभाजित किया गया है-
(i) धातु – ताँबा, लोहा, चाँदी, सोना, पारा, जस्ता आदि तत्त्व धातु हैं चूँकि इनमें धात्विक चमक, उच्च ऊष्मा चालकता, उच्च विद्युत चालकता, अघातवर्धनियता तथा हनन सामर्थ्य आदि के गुण होते हैं.
(ii) अधातु – जिन तत्त्वों में धातुओं के गुण नहीं होते, वे अधातु कहलाते हैं. सल्फर, फास्फोरस, कार्बन, आयोडीन, हाइड्रोजन, आक्सीजन,क्लोरीन, ब्रोमीन आदि तत्त्व अधातु हैं. अधातुओं के आक्साइड अम्लीय या उदासीन होते हैं.
(iii) उपधातु – कुछ तत्त्व, जो धातुओं और अधातुओं के बीच के गुण रखते हैं, उपधातु कहलाते हैं, जैसे जर्मेनियम (Ge), आर्सेनिक (As), एन्टीमनी (Sb) अदि.
5. यौगिक :
दो या दो से अधिक तत्त्वों को निश्चित अनुपात में मिलाने पर, रासायनिक संयोग से प्राप्त पदार्थ यौगिक कहलाते हैं. जल, नमक, नोला थोथा, सोडियम कार्बोनेट, अमोनिया आदि यौगिक पदार्थ हैं.
6. मिश्रण :
दो या दो से अधिक पाकर के पदार्थों किसी भी अनुपात में मिलाने पर प्राप्त पदार्थों को मिश्रण कहते हैं. मिश्रण के अवयवों को साधारण भौतिक विधियों द्वारा पृथक किया जा सकता है. मिश्रण दो प्रकार के होते हैं-
(i) विषमांग मिश्रण – बारूद, धुआं, दूध, रक्त, तेल, और जल का मिश्रण, गंधक, रेत और लोहे का मिश्रण आदि विषमांग मिश्रण हैं चूँकि इनके प्रत्येक भाग के गुण समान नहीं होते.
(ii) समांग मिश्रण – अम्ल, छार और लवणों के जलीय मिश्रण, चीनी और जल का मिश्रण, वायु, ऐथिल-एल्कोहल और जल का मिश्रण आदि समांग मिश्रण हैं चूँकि इनमें प्रत्येक भाग के गुण, समान होते हैं. समांगी मिश्रण के अवयवों को निथारना, छानना, ऊर्ध्वपातन, क्रिस्टलन, आसवन आदि विधियों से अलग किया जा सकता है.
7. आसवन (Distillation) :
किसी द्रव को गर्म करके वाष्प में बदलना तथा उसकी वाष्प को ठण्डा करके पुन: में बदलने की क्रिया को आसवन कहते हैं. आसुत जल इसी विधि से प्राप्त किया जाता है.
8. ऊर्ध्वपातन (Sublimation) :
कुछ ठोस पदार्थ जैसे अमोनियम-क्लोराइड, आयोडीन, कपूर आदि गर्म होकर, बिना द्रव अवस्था में बदले सीधे वाष्प अवस्था में बदल जाते हैं और ठण्डा होने पर बिना द्रव में बदले सीधे ठोस अवस्था को प्राप्त हो जाते हैं. ऐसे पदार्थों को ऊर्ध्वापातज पदार्थ कहते हैं तथा इसी क्रिया को ऊर्ध्वपातन क्रिया कहते हैं.
\underset{(ठोस)}{NH_{4}Cl}\overset{गर्म}\rightleftharpoons\underset{ठण्डा}\rightleftharpoons \underset{(वाष्प)}{NH_{4}Cl} ; \underset{(ठोस)}{I_{2}}\overset{गर्म}\rightleftharpoons\underset{ठण्डा}\rightleftharpoons \underset{(वाष्प)}{I_{2}}
9. भौतिक परिर्तन :
वे परिवर्तन, जिनमें पदार्थों के स्वरूप व गुणधर्मों में अस्थायी परिवर्तन आता है जबकि उनके भार तथा रासायनिक संघटन अपरिवर्तित रहते हैं अर्थात् कोई नया पदार्थ नहीं बनता, भौतिक परिवर्तन कहलाते हैं. जैसे-
1. विद्युत् बल्ब का जलना,
2. बर्फ का पिघलना,
3. बादलों का बनना,
4. जल का आसवन,
5. आयोडीन का ऊर्ध्वपातन,
6. गैस का आयतन बढ़ना,
7. नमक अथवा चीनी का पानी में घुलना आदि.
10. रासायनिक परिवर्तन :
वे परिवर्तन जिनमें पदार्थों के संघटन, अवस्था व गुणधर्म स्थायी रूप से बदल जाते हैं, और नए पदार्थ बन जाते हैं, रासायनिक पदार्थ कहलाते हैं.
निम्नलिखित सभी रासायनिक परिवर्तन है-
1. मोमबत्ती का जलना,
2. मैग्नीशियम के तार का जलना,
3. जंग लगना,
4. दूध का दही बनना (किण्वन Fermentation क्रिया),
5. दूध का खट्टा होना,
6. सिरके का बनना,
7. शीरे या स्टार्च से एथिल एल्कोहल का बनना,
8. दही से दुर्गन्ध का आना,
9. कोयले का जलना,
10. अम्लीय जल का विद्युत-अपघटन
11. अपररुपी पदार्थ :
एक ही तत्त्व से बने दो या दो से अधिक पदार्थों को अपररुपी पदार्थ कहते हैं और तत्त्व के इस गुण को अपररुपता (allotropy) कहते हैं किसी तत्त्व के अपररुपों के गुण व संरचनायें भिन्न -भिन्न होती हैं परन्तु उनकी भौतिक अवस्था समान होती है.
1. डायमण्ड और ग्रेफाइट कार्बन के दो अपररूप हैं.
2. आक्सीजन (O_{2}) तथा ओज़ोन (O_{3}), आक्सीजन तत्त्व के,
3. सफ़ेद फास्फोरस तथा लाल फास्फोरस, फास्फोरस तत्त्व के
4. मोनोक्लाइनिक सल्फर और रौम्बिक सल्फर, सल्फर तत्त्व के अपररूप हैं.
12. समावयवी पदार्थ (Isomers) :
ऐसे यौगिकों को, जिनके अणु सूत्र समान होते हैं. परन्तु अणु संरचना भिन्न-भिन्न होने के कारण गुण भिन्न-भिन्न होते हैं, समावयवी पदार्थ कहते हैं. अमोनिया साईंनेट तथा यूरिया समावयवी पदार्थ हैं. दोनों के अणुसूत्र CON_{2}H_{4} हैं लेकिन अणु संरचना भिन्न-भिन्न होने के कारण दोनों पदार्थों के गुण भिन्न-भिन्न हैं.
13. प्रस्वेद्य पदार्थ (Deliquescent) :
जो पदार्थ नाम वायु में रखने पर वायु से नमी लेकर संतृप्त विलयन बना लेते हैं, उहें प्रस्वेद्य कहते हैं.
1. सोडियम हाइड्राक्साइ,
2. पोटैसियम हाइड्राक्साइ,
3. पोटैसियम कार्बोनेट,
4. निर्जल कैल्सियम क्लोराइड,
5. निर्जल मैग्नीशियम क्लोराइड,
6. निर्जल फैरिक क्लोराइड आदि प्रस्वेद्य पदार्थ हैं.
14. आर्द्रताग्राही पदार्थ (Hygroscopic) :
जो पदार्थ नाम वायु में रखने पर वायु से नमी लेकर हाइड्रेट या हाइड्राक्साइ बनाते हैं परन्तु संतृप्त विलयन नहीं बनाते, उन्हें आर्द्रतामापी कहते हैं.
1. निर्जल कापर सल्फेट,
2. बिना बुझा चूना,
3. निर्जल सोडियम कार्बोनेट इत्यादि आर्द्रताग्राही पदार्थ हैं.
15. उत्फुल्ल पदार्थ (Efflorescent) :
जो क्रिस्टलीय पदार्थ वायु में रखने पर अपना कुछ या सारा क्रिस्टलीय जल वायु को डे देते हैं, उत्फुल्ल पदार्थ कहलाते हैं.
1. फैरस सल्फेट (हरा कसीस),
2. पोटाश (फिटकरी),
3. सोडियम कार्बोनेट आदि उत्फुल्ल पदार्थ हैं.