1. ऊर्जा अवनाशी है. ऊर्जा को द्रव्यमान में तथा द्रव्यमान को ऊर्जा में रूपान्तरित किया जा सकता है.
2. आइंस्टीन के ऊर्जा तुल्यता नियम के अनुसार m ग्राम द्रव्यमान लुप्त होने पर mc^{2} ऊर्जा उत्पन्न होती है, जहाँ c = प्रकाश वेग = 3 \times 10^{10} से०/मी० .
3. तत्व : एक ही प्रकार के कणों से मिलकर बना हुआ पदार्थ है, जैसे हाइड्रोजन, आक्सीजन, नाइट्रोजन, ताँबा आदि.
4. परमाणु : यह तत्त्व का सूक्ष्मतम कण है जिसमें तत्त्व के सारे गुण विद्यमान होते हैं. यह रासायनिक क्रिया में भाग लेता है.
5. परमाणु की संरचना : परमाणु तीन प्रकार के कणों से मिलकर बना है. जिन्हें इलेक्ट्रान, प्रोटान तथा न्यूट्रान कहते हैं.
6. परमाणु क्रमांक : परमाणु में उपस्थित कुल प्रोटानों अथवा इलेक्ट्रानों की संख्या के बराबर तत्त्व का परमाणु क्रमांक होता है.
7. परमाणु भार अथवा परमाणु द्रव्यमान संख्या : प्रोटानों तथा न्यूट्रानों के योग (p + n) के बराबर होती है.
8. इलेक्ट्रानिक विन्यास : परमाणु में इलेक्ट्रान, नाभिक के चारों ओर विभिन्न कक्षों (orbits) में घुमते रहते हैं. इन इलेक्ट्रानों की विभिन्न कक्षों में व्यवस्था को इलेक्ट्रानिक विन्यास कहते हैं. यह व्यवस्था निम्न नियमों का अनुसार की जाती है-
- किसी भी कक्ष में इलेक्ट्रानों की संख्या 2n^{2} से अधिक नहीं होती, जहाँ n नाभिक से कक्ष की संख्या है.
- सबसे बाहरी कक्ष में इलेक्ट्रानों की संख्या 8 से अधिक नहीं हो सकती और उससे पहले वाले कक्ष में 18 से अधिक नहीं हो सकती.
- बहार वाले कक्ष में 8 इलेक्ट्रान तभी हो सकते हैं जब उससे पहले वाले कक्ष 2n^{2} नियम के अनुसार पूर्णत: भरे हैं.
9. आगे कुछ मुख्य तत्त्वों के सूत्र, परमाणु भार, परमाणु क्रमांक एवं इलेक्ट्रानिक विन्यास दिए हैं. विद्यार्थीगण इन्हें कंठस्थ कर लें.
तत्त्व का नाम | परमाणु भार | परमाणु क्रमांक | इलेक्ट्रानिक विन्यास | संयोजकता |
हैड्रोजन H | 1 | 1 | 1 | 1 |
हीलियम He | 2 | 2 | 2 | 0 |
हीलियम He | 2 | 3 | 2, 1 | 1 |
हीलियम He | 2 | 4 | 2, 2 | 2 |
हीलियम He | 2 | 5 | 2, 3 | 3 |
कार्बन C | 12 | 6 | 2, 4 | 4 |
नाइट्रोजन N | 14 | 7 | 2, 5 | – 3, 5 |
आक्सीजन O | 16 | 8 | 2, 6 | -2, 1 |
फ्लोरीन F | 19 | 9 | 2, 7 | -1, 1 |
सोडियम Na | 23 | 11 | 2, 8, 1 | 1 |
मैग्नीशियम Mg | 24 | 12 | 2, 8, 2 | 2 |
एल्युमिनियम Al | 27 | 13 | 2, 8, 3 | 3 |
एल्युमिनियम Al | 27 | 14 | 2, 8, 4 | 4 |
फास्फोरस P | 31 | 15 | 2, 8, 5 | -3, 5 |
सल्फर S | 32 | 16 | 2, 8, 6 | -2, 4, 6 |
क्लोरीन Cl | 35.5 | 17 | 2, 8, 7 | -1, 1 |
आर्गन Ar | 40 | 18 | 2, 8, 8 | 0 |
पोटैशियम K | 39 | 19 | 2, 8, 8, 1 | 1 |
कैल्शियम Ca | 40 | 20 | 2, 8, 8, 2 | 2 |
कैल्शियम Ca | 40 | 21 | 2, 8, 9, 2 | 2 |
क्रोमियम Cr | 40 | 24 | 2, 8, 13, 1 | 1, 6 |
आयरन Fe | 56 | 26 | 2, 8, 14, 2 | 2, 3 |
कापर Cu | 63.5 | 29 | 2, 8, 18, 1 | 3 |
सिल्वर Ag | 108 | 47 | 2, 8, 18, 18, 1 | 1 |
जिंक Zn | 65.4 | 30 | 2, 8, 18, 2 | 2 |
10. नीचे कुछ मुख्य मूलकों के नाम, सूत्र एवं संयोजकतायें दी गई हैं. विद्यार्थीगण इन्हें भी कंठस्थ कर लें.
मूलक | सूत्र | मूलक | सूत्र |
कार्बोनेट | CO_{3}^{--} | नाइट्रेट | NO_{3}^{-} |
सल्फेट | SO_{4}^{--} | एसीटेट | CH_{3}COO^{-} |
सल्फाइट | SO_{3}^{--} | क्लोराइड | Cl^{-} |
सल्फाइड | S^{--} | ब्रोमाइड | Br^{-} |
नाइट्राइट | NO_{2}^{-} | आयोडाइड | I^{-} |
फास्फेट | PO_{4}^{---} | एमोनियम | NH_{4}^{+} |
क्लोरेट | ClO_{3}^{-} | आक्साइड | O^{--} |
आक्सलेट | C_{2}O_{4}^{--} | हाक्ड्राइड | H^{-} |
डाइक्रोमेट | Cr_{2}O_{7}^{--} | नाइट्रोजन | N^{---} |
11. परमाणु जो विद्युत् उदासीन है, में इलेक्ट्रान, प्रोटान तथा न्यूट्रानके मुख्य अभिलक्षण —
मूल कण | इलेक्ट्रान | प्रोटान | न्यूट्रान |
प्रतिक | _{-1}e^{0} | _{1}p^{1} | _{1}n^{1} |
आवेश | -1 | +1 | 0 |
द्रव्यमान | 0.00055 | 1.0075 | 1.008 |
खोजकर्त्ता | जे०जे० टामसन | रदरफोर्ड | चैडविक |
12. समस्थानिक तत्व : परमाणु क्रमांक समान तथा परमाणु भार भिन्न-भिन्न होते है.
हाइड्रोजन के तीन समस्थानिक हैं – (_{1}H^{1}, _{1}H^{1}, _{1}H^{1})
आक्सीजन के तीन समस्थानिक हैं – (_{8}O^{16}, _{8}O^{17}, _{8}O^{18})
क्लोरीन के दो समस्थानिक हैं – (_{17}Cl^{35}, _{17}Cl^{37})
कार्बन के तीन समस्थानिक हैं – (_{17}Cl^{35}, _{17}Cl^{37})
समस्थानिकों के रासायनिक गुण समान लेकिन भौतिक गुण असमान होते हैं. रेडियोऐक्टिव गुण भी भिन्न-भिन्न होते हैं. आवर्त सारणी में एक तत्त्व के समस्थानिकों को एक ही स्थान दिया गया हिया हैं.
13. समभारी तत्त्व : परमाणु भार समान तथा परमाणु क्रमांक भिन्न-भिन्न होते हैं.
Ar, K, Ca समभारिक तत्त्व हैं (_{18}Ar^{40}, _{19}K^{40}, _{20}Ca^{40})
Fe तथा Ni समभारिक तत्त्व हैं (_{26}Fe^{58}, _{27}Fe^{58})
समभारिक तत्त्वों के रासायनिक गुण भिन्न-भिन्न तथा भौतिक गुण समान होते हैं. आवर्त सारणी में इनके स्थान अलग-अलग हैं.
14. रेडियोऐक्टिव तत्त्व : यूरेनियम _{92}U^{238}, रेडियम _{88}Ra^{226}, थोरियम _{90}Th^{234} आदि ऐसे पदार्थ हैं जो स्वत: विघटन का कारण a, \beta, \gamma किरणें उत्सर्जित करते हैं. इन्हें रेडियोऐक्टिव तत्व कहते हैं.
15. एल्फा किरणें : आवेश + 2, द्रव्यमान 4, संकेतक _{2}H^{4}
16. बीटा किरणें : आवेश -1, संकेतक - _{1}e^{O}
17. गामा किरणें : इनमें न तो आवेश होता है, न ही द्रव्यमान. इन किरणों के वेग व भेदन क्षमता का क्रम \alpha <\beta<\gamma है. आयनित करने का क्रम \alpha>\beta>\gamma है.
18. a कण का उत्सर्जन : a कण के उत्सर्जन के बाद जो नया तत्त्व बनता है, उसके परमाणु द्रव्यमान में 4 की तथा परमाणु संख्या में 2 की कमी आ जाती है.
_{88}Ra^{226} \xrightarrow[]{-a} _{86}Rn^{222} + _{2}H^{4}
रेडियम रेडान
19. \beta कण का उत्सर्जन : द्रव्यमान वही रहता है, परमाणु संख्या में एक इकाई की वृद्धि हो जाती है.
_{90}Th^{234} \xrightarrow[]{-\beta} _{91}Pa^{234}
थोरियम प्रोटेक्नियम
20. \gamma कण का उत्सर्जन : द्रव्यमान एवं परमाणु संख्या दोनों में कोई परिर्तन नहीं होता.
21. रेडियोएक्टिव तत्त्व का अर्ध आयुकाल : ^{t}1/2 = आधी मात्रा विघटन होने में लगा समय
22. अर्द्धकालों की संख्या n : m = m_{0} \times (1/2)^{n}
सूत्र से यह ज्ञात किया जाता है कि कितने अर्द्धकालों में m_{O} द्रव्यमान घटकर m द्रव्यमान रह जाता है. फिर T = n \times ^{t}1/2 से यह ज्ञात हो जाता है कि m_{O} से m द्रव्यमान रह जाने में कितना समय लगा.
23. नाभिकीय विखण्डन : किसी भारी नाभिक को दो मध्य भार वाले नाभिकों में टूटना, जैसे-
_{92}U^{235}+ _{0}n^{1} \xrightarrow[]{} _{56}Ba^{141}+ _{36}Kr^{92} +3 _{0}n^{1} + 200 MeV
इसमें बहुत अधिक ऊर्जा निकलती है जिसे नाभिकीय ऊर्जा कहते हैं. परमाणु बम इसी क्रिया का उदहारण है.
24. नाभिकीय संलयन : दो हल्के नाभिकों का संयुक्त होकर भारी नाभिक बनाना नाभिकीय संलयन कहलाता है.
_{1}H^{2}+ _{1}H^{3}= _{2}He^{4}+ _{0}n^{1}+ ऊर्जा (17.8 MeV)
हाइड्रोजन बम का निर्माण संलयन के सिद्धान्त पर किया गया है जिसमें ट्राइटियम तथा ड्यूटिरियम का संलयन होता है.
25. बन्धन ऊर्जा : नाभिकीय कणों के संयोग से किसी नए नाभिक के बनने पर मुक्त ऊर्जा
= द्रव्यमान की क्षति \times 9.1 MeV
26. संयोजकता : पुरानी धारणा के आधार पर,
(i) हाइड्रोजन की संयोजकता = 1 (मान ली गई )
(ii) किसी भी अन्य तत्त्व की संयोजकता = हाइड्रोजन के परमाणुओं की संख्या जो तत्त्व के एक परमाणु के साथ संयोग करते हैं. जैसे NH_{3} में N की संयोजकता = + 3, HCl में Cl की संयोजकता = - 1 आदि. अक्रिय गैसों की संयोजकता शून्य होती है.
आधुनिक संकल्पना के अनुसार संयोजकता = तत्त्व के बाहरी कक्ष में इलेक्ट्रानों की संख्या
यदि यह संख्या 4 से अधिक हैं तब संयोजकता (n - 8) होती है जो कि ऋणात्मक होती है.
कुछ तत्त्वों की संयोजकता भिन्न-भिन्न यौगिकों में भिन्न होती है.
27. पदार्थ का अणुभार = पदार्थ के एक अणु का भार
28. गैस का अणुभार = N.T.P. पर गैस के 22.4 लीटर आयतन भार .
29. गैस का अणुभार = 2 \times वाष्प घनत्व, अर्थात्
M = 2 \times V. D.
30. एवोगैड्रो संख्या = पदार्थ के एक ग्राम अणुभार में अणुओं की संख्या जो कि 6.023 \times 10^{23} होती है. इसे एक मोल भी कहते हैं.
31. तुल्यांकी भार : किसी तत्त्व का वह भार जो H के 1 भार भाग से, O के 8 भार भाग से या Cl के 35.5 भाग से संयोग करता है.
32. परमाणु भार = तुल्यांकी भार \times संयोजकता अर्थात्
A = E \times n या E = Aln
चूँकि संयोजकता परिवर्तनशील है अत: परिवर्ती संयोजकता वाले तत्त्वों के तुल्यांकी भार भी एक से अधिक होती है.
33. अम्ल का तुल्यांकी भार = \frac{अम्ल का अणुभार}{अम्ल की क्षारकता}
HCl, HNO_{3}, CH_{3}COOH, H_{2}SO_{4}, H_{3}PO_{4} की क्षारकता क्रमश: 1, 1, 1, 2, 3 है.
34. क्षार का तुल्यांकी भार = \frac{क्षार का अणुभार}{क्षार की अम्लीयता}
NaOH, NH_{4}OH, Ca(OH)_{2}, Ba(OH)_{2} की अम्लीयता क्रमश: 1, 1, 2, 2 है.
35. मूलक का तुल्यांकी भार = \frac{मूलक का सूत्र भार }{मूलक की क्संयोजकता}
36. आयतन का तुल्यांकी भार = \frac{आयतन का सूत्र भार }{आयतन की क्संयोजकता}
37. लवण का तुल्यांकी भार = \frac{लवण का अणु भार }{धन संयोजकाताओं का योग}
38. पदार्थ का तुल्यांकी भार = \frac{पदार्थ का भार \times 1.008}{N.T.P. पर विस्थापित H_{2} का भार}
= \frac{पदार्थ का भार \times 1.008}{N.T.P. पर विस्थापित H_{2} का आयतन \times 0.00009}
(H_{2} विस्थापन विधि)
= \frac{पदार्थ का भार}{प्रयुक्त O_{2} का भार} \times 8 (आक्साइड विधि)
= \frac{पदार्थ का भार }{प्रयुक्त Cl_{2} का भार} \times 35.5 (क्लोराइड विधि)
39. विद्युत अपघटन विधि : विद्युत अपघट्यों में विद्युत की समान मात्रा प्रवाहित करने पर,
\frac{तत्त्व A का एकत्रित भार}{तत्त्व B का एकत्रित भार} = \frac{A का तुल्यांकी भार (E_{A})}{B का तुल्यांकी भार (E_{B})}
40. \frac{विस्थापक धातु A का भार}{विस्थापित धातु B का भार} = \frac{E_{A}}{E_{B}} (धातु विस्थापन विधि)
41. \frac{AB लवण का भार}{AC लवण का भार} = \frac{E_{A}+ E_{B}}{E_{A}+ E_{C}} (उभय अपघटन विधि)
42. परमाणु भार = किसी तत्त्व के एक परमाणु का भार
43. परमाणु भार ज्ञात करने की विधियाँ :
(1) ड्युलोंग और पैटिट के नियम से –
लगभग परमाणु भार = \frac{6.4}{वी. ऊष्मा}
संयोजकता = \frac{लगभग परमाणु भार}{तुल्यांकी भार} (पूर्ण संख्या)
सही परमाणु भार = तुल्यांकी भार \times संयोजकता
(2) क्लोराइड के वाष्प घनत्व से –
तत्त्व के क्लोराइड का अणुभार = 2 \times वाष्प घनत्व
तत्त्व का तुल्यांकी भार = E (दिया होता है)
संयोजकता = \frac{क्लोराइड का अणुभार}{E + 35.5}
तब परमाणु भार = संयोजकता \times तुल्यांकी भार
(3) कैनिजरो विधि से –
किसी तत्त्व का कम से कम भार जो उसके किसी यौगिक के एक अणु में उपस्थित है.
(4) गैसीय तत्त्व का अणुभार = \frac{अणुभार}{परमाणुकता}
यदि गैस के लिए c_{p}/c_{v} = 1.4 तो गैस की परमाणुकता 2 है और यदि c_{p}/c_{v} = 1.6 तब परमाणुकता 1 है.
44. अणुभार ज्ञात करना :
(1) अणुभार = \frac{पदार्थ की मात्रा \times 22400}{N.T.P. पर प्राप्त वाष्प का आयतन}
(2) वाष्प घनत्व = \frac{N.T.P. पर गैस के निश्चित आयतन का भार}{N.T.P. पर H_{2} के उतने ही आयतन का भार}
तब अणुभार = 2 \times वाष्प घनत्व
45. गैस की आंशिक दाब ज्ञात करना :
(1) यदि मिश्रित की गई गैसों के आयतन समान हैं तथा मिश्रण के बाद भी आयतन उतना ही रहता है तब कुल दाब आंशिक दाबों का योग के बराबर होती है.
\Rightarrow P = P_{1} + P_{2} + P_{3} + ...........
(2) यदि मिश्रित गैसों के आयतन V_{1}, V_{2}, V_{3}, .......... हैं तथा मिश्रण के बाद आयतन V हो जाता है तब
PV = P_{1}V_{1} + P_{2}V_{2} + P_{3}V_{3} + ..........
(3) यदि मिश्रित गैसों के आयतन V_{1}, V_{2}, V_{3}, .......... ताप T_{1}, T_{2}, T_{3}, .......... हैं तथा मिश्रण के बाद आयतन V तथा ताप T हो जाता है तब
\frac{PV}{T} = \frac{P_{1}V_{1}}{T_{1}} + \frac{P_{2}V_{2}}{T_{2}} + \frac{P_{3}V_{3}}{T_{3}} + ....
(4) यदि मिश्रण में कुल अणुओं की संख्या n है तथा जिस गैस की आंशिक दाब P_{1} ज्ञात करनी है, उसके अणुओं की संख्या n_{1} है, तब आंशिक दाब,
P_{1} = \frac{P \times n_{1}}{n} = \frac{कुल दाब \times P_{1} दाब वाली गैस में अणुओं की सं०}{कुल अणुओं की संख्या}
46. ग्राह्य के विसरण का नियनम :
विसरण गति r = \frac{विसरित गैस का आयतन V}{विसरण का समय t}
अत: \frac{r_{1}}{r_{2}} = \frac{V_{1}}{t_{1}} \times \frac{t_{2}}{V_{2}} = \sqrt{\frac{d_{2}}{d_{1}}} =\sqrt{\frac{M_{2}}{M_{1}}}
47. फैराडे के विद्युत अपघटन के नियम :
(1) किसी इलैक्ट्राड पर मुक्त पदार्थ की मात्रा W, प्रवाहित विद्युत की मात्रा Q के समानुपाती होती है, अर्थात्
W \infty Q या W = Z \times Q = Z \times i \times t
Z को विद्युत ‘रासायनिक तुल्यांकी भार’ कहते हैं और Z = \frac{E}{96500}, जहाँ E तत्त्व का तुल्यांकी भार है.
(2) दो या दो से अधिक विद्युत अपघट्यों में विद्युत की समान मात्रा प्रवाहित करने पर इलैक्ट्राडों पर मुक्त पदार्थों की मात्रायें उनके तुल्यांकी भारों के समानुपाती होती हैं.
\frac{W_{Ag}}{W_{Cu}} = \frac{E_{Ag}}{E_{Cu}}
48. आक्सीकरण (अपचयन) :
O_{2} या ऋण विद्युती तत्त्व का संयोग करना, H_{2} या धन विद्युती तत्त्व का पृथक होना, धन संयोजकता का अधिक होना, इलेक्ट्रानों का अलग होना, आक्सीकरण संख्या का बढ़ना ये सब आक्सीकरण अभिक्रिया के प्रतिक हैं.
2Mg + O_{2} = 2MgO
2Fe^{+2}Cl_{2} + Cl_{2} = 2Fe^{+3}Cl_{3}
49. अवकरण (अपचयन) :
H_{2} या धन विद्युत् तत्त्व का बढ़ना, O_{2} या ऋण विद्युत तत्त्व का अलग होना, धन संयोजकता का कम होना, इलेक्ट्रानों का बढ़ना, आक्सीकरण संख्या का कम होना, ये सब अपचयन अभिक्रिया के प्रतिक हैं.
2Fe^{+3}Cl_{3} + H_{2}S = 2Fe^{+2}Cl_{2} + 2HCl + S
50. आक्सीकरण संख्या :
(1) आक्सीजन की आ० संख्या = – 2 (लेकिन H_{2}O_{2} में – 1 है )
(2) हाइड्रोजन की आ० संख्या = + 1 (लेकिन हाइड्राइडो में – 1 है )
(3) Cl, Br, I की आ० संख्या = – 1 (लेकिन KCIO, NaOCl में – 1 है )
(4) किसी भी यौगिक के एक अणु में उपस्थित सब परमाणुओं की आक्सीकरण संख्याओं का योग शून्य होता है. इससे किसी तत्त्व की अज्ञात आक्सीकरण संख्या ज्ञात हो जाती है.
K_{2}Cr_{2}O_{4} में,
2K^{+} + 2Cr^{x} + 40^{--}
= 2 \times 1 + 2x + 4 ( - 2) = 0 \Rightarrow x = 3
Na_{2}S_{4}O_{6} में,
2Na^{+} + 4S^{x} + 60^{--}
= 2 \times 1 + 4x + 6 (- 2) = 0 \Rightarrow x = 2.5
51. अम्ल, जल में घुलकर H^{+} आयन देते हैं.
HCl \rightleftharpoons H^{+} + Cl^{-}, HNO_{3} \rightleftharpoons H^{+} + NO_{3}^{-}
क्षार, जल में घुलकर OH^{-} आयन देते हैं.
NaOH \rightleftharpoons Na^{+} + (OH)^{-}
NH_{4}OH \rightleftharpoons NH_{4}^{+} + (OH)^{-}
लवण : अम्ल + क्षार = लवण
NaOH + HCl = NaCl + H_{2}O
52. विलयन (Solutions) :
(1) विलेय का भार + विलायक का भार = विलयन का भार
(2) विलेयता = \frac{विलेय का भार}{विलायक का भार} \times 100
(3) विलयन की सान्द्रता = 1000 ml विलयन में घुली पदार्थ की मात्रा घोल की सान्द्रता है.
53. विलयन की नार्मलता = \frac{ग्राम प्रति लीटर सान्द्रता}{विलेय का ग्राम तुल्यांकी भार}
विलय की मोलरता = \frac{विलय के मोलों की संख्या}{विलयन का ली० में आयतन}
विलयन की मोललता = \frac{विलय के मोलों की संख्या}{विलयक का किग्रा० में आयतन}
विलेय का मोल अंश = \frac{n}{n+ N};
विलायक का मोल अंश = \frac{n}{n+ N'}
जहाँ n = विलेय के मोलों की संख्या,
N = विलायक के मोलों की संख्या