Table of Contents
Toggle1. कुलाम का नियम :
r दूरी पर स्थित दो आवेशों q1, q2 के बीच लगने वाला बल, F = \frac{aq_{1}q_{2}}{r^{2}} न्यूटन, जहाँ 'a' नियतांक है.
'a' का मान 9 \times 10^{9} न्यूटन- मी०^{2}/ कूलाम^{2} है.
2. एक इलेक्ट्रान पर आवेश = 1.6 \times 10^{-19} कूलाम
3. इलेक्ट्रानों की संख्या n = \frac{q}{e} = \frac{q}{1.6 \times 10^{-19}}
4. विद्युत धारा = इकाई समय में बहने वाला आवेश
\Rightarrow i = \frac{q}{t} कूलाम/से० या एम्पियर.
5. किसी बिन्दु पर विद्युत विभव
= इकाई धनावेश को अनन्त से उस बिन्दु तक लाने में किया कार्य
\Rightarrow V = \frac{W}{q} जूल/कुलाम या वोल्ट
6. दो बिन्दुओं A तथा B के बीच विभवान्तर
= B से A तक इकाई धनावेश लाने में किया गया कार्य
\Rightarrow V = (V_{A} - V_{B}) वोल्ट
7. बिन्दु आवेश q से r मीटर दूर स्थित बिन्दु A पर विभव,
V_{A} = \frac{a \times q}{r}, जहाँ a = 9 \times 10^{9} N - m^{2}/ C^{2}
8. यदि बिन्दु A की आवेशों q_{1}, q_{2}, q_{3} ....... से दूरियाँ r_{1}, r_{2}, r_{3}......... हैं तब बिन्दु A पर कुल विभव,
V_{A} = a \left[\frac{q_{1}}{r_{1}}+\frac{q_{2}}{r_{2}}+\frac{q_{3}}{r_{3}}+ .........\right] वोल्ट
9. सैल का विद्युत वाहक बल,
V_{A} = \frac{सैल द्वारा किया गया कार्य}{परिपथ में प्रवाहित आवेश} = \frac{W}{q} वोल्ट
10. q आवेश के विद्युत क्षेत्र में आवेश से r मी० दूर स्थित किसी बिन्दु A पर विदुत क्षेत्र की तीव्रता
= उस बिन्दु पर रखे एकांक धनावेश पर लगने वाला बल
\Rightarrow E = \frac{F}{q_{A}}= \frac{aqq_{A}}{r^{2}\times q_{A}} = \frac{aq}{r^{2}} (q_{A}= A पर रखा आवेश)
11. गोलीय आवेश :
(i) सम्पूर्ण आवेश गोले की सतह पर रहता है.
(ii) गोले के भीतर कोई आवेश नहीं होता .
(iii) गोले के बाहरी सतह एवं भीतर के प्रत्येक बिन्दु पर विभव समान होता है. इसी लिए गोले के पृष्ठ को समविभव धरातल (equipotential surface) कहते हैं.
(iv) r त्रिज्या के गोले पर यदि q आवेश है तो सतह पर
विद्युत की तीब्रता = \frac{aq}{r^{2}} तथा विभव = \frac{aq}{r}
12. धारा मापने के लिए अमीटर को श्रेणी क्रम में तथा विभव मापने के लिए वोल्टमीटर को समान्तर क्रम में जोड़ते हैं.
13. ओम का नियम :
यदि चालक के सिरों के बीच विभवान्तर V है और उसमें धारा i बह रही है, तब
V \infty i या V = iR जहाँ R स्थिरांक है.
R को चालक का प्रतिरोध कहतें हैं, इसका मात्रक ‘ओम’ है.
14. विशिष्ट प्रतिरोध :
चालक का प्रतिरोध लम्बाई के समानुपाती तथा अनुप्रस्थ काट के विलोमानुपाती होता है.
\therefore R = \frac{K.L.}{A} \Rightarrow K = \frac{R \times A}{L}
'K' को तार का विशिष्ट प्रतिरोध कहते हैं.
15. विशिष्ट चालकता = विशिष्ट प्रतिरोध का व्युत्क्रम K^{-1}
16. तार की लम्बाई को को खींच कर दुगुना कर देना पर, उसकी अनुप्रस्थ काट आधी हो जाती है, फलस्वरूप प्रतिरोध चार गुना हो जाता है.
17. तार को मध्य से मोड़ दाना पर लम्बाई आधी तथा अनुप्रस्थ काट दुगुना हो जाती है. फलत: प्रतिरोध एक-चौथाई हो जाता है.
18. प्रतिरोधों का संयोजन :
R = R_{1} + R_{2} + R_{3} + ............. (श्रेणी क्रम में)
\frac{1}{R} = \frac{1}{R_{1}}+\frac{1}{R_{2}}+\frac{1}{R_{3}} + ............. (समान्क्रतर क्रम में)
श्रेणी क्रम में जोड़ने पर सभी प्रतिरोधों में एक ही धारा बहती है जबकि समान्तर क्रम में जोड़ने पर सभी प्रतिरोध के सिरों के बीच विभवान्तर एक ही रहता है.
19. सैलों का संयोजन :
आतंरिक प्रतिरोध r तथा वि० वा० बल E वाले n सैलों को जोड़ने पर
(i) i = \frac{nE}{nr+R} (श्रेणी क्रम में) (ii) i = \frac{nE}{r+nR} (समा० क्रम में)
20. सैलों का विपरीत क्रम में संयोजन :
यदि E_{1}तथा E_{2} वि० वा० बल वाले दो सैलों के + ve टर्मिनलों को जोड़ दिया जाए तो संयोजन का वि० वा० बल E_{1}-E_{2} (E_{1} > E_{2}) हो जाता है. E_{1}=E_{2} होने पर कोई धारा नहीं बहती.
21. विद्युत ऊर्जा = किया गया कार्य अथवा व्यय हुई ऊर्जा = W
और W = V \times q = V \times i \times t = i^{2}\times R \times t =\frac{V^{2}\times t}{R} जूल
22. उत्पन्न ऊष्मा,
H = \frac{W}{4.2}=\frac{Vit}{4.2}=\frac{i^{2}Rt}{4.2}=\frac{V^{2}t}{4.2R} कैलोरी
23. सामर्थ्य,
P = \frac{W}{t}=\frac{Vq}{4.2t}=\frac{i^{2}Rt}{4.2}=\frac{V^{2}}{4.2R} वाट
24. यूनिटों की संख्या,
= \frac{वोल्ट \times एम्पियर \times घन्टे}{1000} = \frac{वाट \times घन्टे}{1000}