Current Affairs

1.    ०C,०F तथा K में  सम्बन्ध :

\frac{C}{5}=\frac{F-32}{9}=\frac{K-273}{5}

2.    परम ताप ,        T=273 + t०C

3.    दोष युक्त तापमापी : यदि दोष युक्त ताप मापी  का हिमांक T_1, क्वथनांक T_2 तथा उससे मापा गया       तापक्रम T है तो सही तापक्रम  निम्न सूत्र से ज्ञात करते हैं. 

\frac{C}{100}=\frac{F-32}{180}=\frac{K-273}{100}=\frac{T-T_{1}}{T_{2}-T_{1}}

4.    स्वस्थ मनुष्य का तापक्रम  98.4^{o}F, अर्थात् 36.9^{o}C होता है.

5.    जल का हिमांक  0^{o}C तथा क्वथनांक 100^{o}C है.

6.    पदार्थ के दो अणुओं के बीच साम्य दूरी 10^{-10} मी० कोटि की होती है. इस दूरी पर कणों में आकर्षण बल शून्य हो जाता है.

7.    अणु में सम्पूर्ण ऊर्जा  = E_{r}+E_{R}+E_{V}

        जहाँ E_{r},  E_{R}  तथा  E_{V}  क्रमश: रेखीय, घूर्णन तथा काम्पनिक गतिज ऊर्जाएं हैं.

8.    अणु में गतिज ऊर्जा :  E=\frac{3}{2}KT,  जहाँ K बोल्टेजमैन स्थिरांक है. 

9.    परमशून्य ताप : वह  ताप जिस पर अणुओं की गतिज ऊर्जा शून्य होती है.

10.  बायल का नियम : स्थिर ताप पर, P_{1}V_{1}=P_{2}V_{2}

11.    चार्ल्स का नियम : स्थिर दाब पर , \frac{V_{1}}{T_{1}}=\frac{V_{2}}{T_{2}}

t^{o}C पर आयतन V_{t}=V_{0} (1+at)

जहाँ, a आयतन प्रसार गुणांक है. इसका मान  1/273  होता है. V_{o}, 0^{o}C पर गैस का आयतन है.

12.    दाब का नियम :  स्थिर आयतन पर,  \frac{P_{1}}{T_{1}}=\frac{P_{2}}{T_{2}}

t^{o}C पर दाब,  P_{t}=P_{0} (1+\beta t)

जहाँ  \beta  दाब प्रसार गुणांक  है. इसका मान भी 1/273 हैं. P_{0}, 0^{o}C पर दाब है.

इसे भी पढ़ें ⇒ ध्वनि (Sound) के सूत्र एवं उपयोगी बातें

13.   आदर्श गैस :वह गैस, जो ताप तथा दाब की प्रत्येक अवस्था में बायल नियम का पालन करती है, आदर्श गैस कहलाती है.

14.    गैस समीकरण : गैस के एक निश्चित द्रव्यमान के लिए, 

\frac{PV}{T}=K     या      PV=KT  

जहाँ ,  K नियतांक है. इसे विशिष्ट गैस नियतांक (Specific Gas Constant) कहते हैं.

15.    आदर्श गैस कमीकरण : एक ग्राम अणु गैस के लिए , 

\frac{PV}{T}=R      \Rightarrow          PV = RT

‘R’  को सार्वत्रिक गैस नियतांक (Universal gas Constant) कहते हैं. 

16.    तथा  R में सम्बन्ध : K=\frac{R}{M}, जहाँ M गैस का अणुभार है.

17.     R का मन :  R=8.31 जूल/मोल-^{\circ}K

18.   ठोसों में प्रसार (Expansion in the Solids) : यदि  a,\beta , y क्रमश: लम्ब प्रसार गुणांक, क्षेत्रीय प्रसार गुणांक तथा आयतन प्रसार गुणांक हैं, तब 

a=\frac{\Delta _{L}}{L\times \Delta_{t}} = \frac{लम्बाई  में  वृद्धि}{प्रारम्भिक  लम्बाई  \times  ताप   में   वृद्धि}

\beta =\frac{\Delta_{A}}{A\times\Delta_{t}}=\frac{क्षेत्रफल  में  वृद्धि}{प्रारम्भिक  क्षेत्रफल \times  ताप  में  वृद्धि}

\gamma =\frac{\Delta_{V}}{V\times\Delta_{t}} =\frac{आयतन  में  वृद्धि}{प्रारम्भिक  आयतन \times  ताप  में  वृद्धि}

t^{\circ}C  पर लम्बाई L_{t}, क्षेत्रफल  A_{t}  तथा आयतन V_{t} निम्न  सूत्रों  से ज्ञात  किए  जाते हैं : 

L_{t}=L_{0}(1+a t), A_{t}=A_{0} (1+\beta  t), V_{t}=V_{0}(1+\gamma t)

जहाँ L_{0},  A_{0},    तथा  V_{0}  0^{\circ}C  पर क्रमश: लम्बाई,  क्षेत्रफल तथा आयतन हैं.

19.    \alpha, \beta  तथा  \gamma में सम्बन्ध:  \alpha : \beta : \gamma = 1 : 2 : 3  

\Rightarrow \frac{a}{1} = \frac{\beta}{2} = \frac{\lambda}{3} \Rightarrow  \beta = 2\alpha, + \gamma = 3 \alpha

20.    द्रवों में प्रसार (Expansion in the Liquids) :

द्रवों को गर्म करने पर उनके आयतनों में वृद्धि होती है. यदि  \gamma_{a}, \gamma_{r},  \gamma_{g} द्रव का क्रमश: आभासी प्रसार गुणांक, वास्तविक तथा बर्तन का प्रसार गुणांक हैं, तब 

\lambda_{a}=\frac{(\Delta_{v})a}{V\times\Delta t} = \frac{आयतन  में  आभासी  वृद्धि}{प्रारम्भिक  आयतन \times ताप में वृद्धि}

\lambda_{r}=\frac{(\Delta_{v})r}{V\times\Delta t} = \frac{आयतन  में  वास्तविक  वृद्धि}{प्रारम्भिक  आयतन \times ताप में वृद्धि}

\lambda_{g}=\frac{(\Delta_{v})g}{V\times\Delta t} = \frac{बर्तन  के  आयतन  में  वृद्धि}{प्रारम्भिक  आयतन \times ताप में वृद्धि}

21.    V_{a'}  V_{g'}  V_{r'}  और  \gamma_{a'}  \gamma_{g'}  \gamma_{r} में सम्बन्ध :

(i)   वास्तविक प्रसार = आभासी प्रसार +वर्तन में प्रसार 

V_{r}= V_{a}+V_{g}

(ii)   वास्तविक प्रसार गुणांक = आभासी प्रसार गुणांक + बर्तन का प्रसार गुणांक 

\Rightarrow                \gamma_{r} = \gamma_{a} + \gamma_{g}

22.    घनत्व तथा ताप में समन्ध :  गर्म  करने पर द्रवों के घनत्व कम हो जाते हैं अत:  d_{t}=d_{0} (1-\gamma_{t}) सूत्र   का  प्रयोग होता है.

23.   जल का असामान्य प्रसार :  जल  को 0^C  से 4^{\circ}C  तक गर्म  रने पर उसका आयतन घटता है जिससे घनत्व बढ़ता है और 4^{\circ}C  से आगे गर्म करने पर आयतन बढ़ता जाता है और घनत्व कम होता जाता है. 

4^{\circ}C पर जल के निश्चित द्रव्यमान का आयतन सबसे कम तथा घनत्व सबसे अधिक होता है.

24.    कैलोरी : यह ऊष्मा मापन की इकाई है.

1 कैलोरी ऊष्मा = 1 ग्राम जल को 1^{\circ}C  गर्म करने में दी गई ऊष्मा 

1 कैलोरी  =  4.2 जूल ;     1 कैलोरी  = 4.2 \times 10^{3}  जूल

25.    विशिष्ट ऊष्मा : = 1 ग्राम पदार्थ को  1^{\circ}C गर्म करने में दी गई ऊष्मा इसे ‘s’ से  प्रदर्शित करते हैं. यदि m ग्राम पदार्थ  को \Delta t^{\circ}C तक गर्म किया गया है तो दी गई ऊष्मा,  Q=m \times s \times \Delta t

26.    जल की वि० ऊष्मा  = 1 कैलो०/ग्राम -^{\circ}C

= 1 कैलो०/किग्रा० -^{\circ}C

27.    वस्तु की ऊष्मा धारिता  = m \times s

       = वस्तु का द्रव्यमान \times वि० ऊष्मा

28.     कैलोरीमीटर का जल तुल्यांक, 

W=m \times s = कैलोरीमीटर  का  द्रव्यमान \times वि० ऊष्मा

29.   कैलोरीमीटर का सिद्धांत : 

गर्म वस्तु द्वारा दी  गई ऊष्मा = ठंडी वस्तु द्वारा ली गई ऊष्मा 

m_{1}s_{1} \times  \Delta t_{1}= m_{2} s_{2}\Delta t_{2}

\Rightarrow              m_{1}  s_{1}(t_{1}-t) = m_{2}  s_{2} (t-t_{2})

जहाँ t_{1} = गर्म वस्तु का तापक्रम,  t_{2} = ठंडी वस्तु का तापक्रम,  t = दोनों वस्तुओं का उभयनिष्ठ तापक्रम 

30.    गुप्त ऊष्मा (Latent Heat) :

1 ग्राम पदार्थ के बिना ताप बदले अवस्था परिवर्तन में दी गई ऊष्मा को उस पदार्थ की गुप्त ऊष्मा कहते हैं. इसे  ‘L’  प्रदर्शित करते हैं.  m ग्राम पदार्थ की अवस्था परिवर्तन के लिए आवश्यक ऊष्मा,              Q = m \times L

बर्फ के गलन की गुप्त ऊष्मा 80 कैलो०/ग्राम तथा भाप की गुप्त ऊष्मा 540 कैलो०/ग्राम है.

31.   उष्मी विकिरण (Thermal Radiation) :

(i)   किसी गर्म वस्तु से जो ऊष्मा उत्सर्जित होती है उसे उष्मीय विकिरण कहते हैं.

(ii)  ऊष्मीय विकिरण विद्युत् चुम्बकीय तरंगों के रूप में चलते हैं.

(iii)   इसके संचरण के लिए माध्यम की आवश्यकता नहीं होती.

(iv)  ऊष्मीय विकिरण की चाल प्रकाश की चाल के बराबर होती है. 

(v)   ऊष्मीय विकिरण का परावर्तन तथा अपवर्तन प्रकाश के परावर्तन एवं अपवर्तन के नियमों के अनुसार होता है.

(vi)  माध्य का तापक्रम नहीं बदलता .

(vii)  ऊष्मीय विकिरण व्युत्क्रम वर्ग नियम का पालन करते हैं. अर्थात् किसी बिंदु पर ऊष्मीय विकिरण की तीव्रता वस्तु से बिंदु की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होती है.

32.    ऊष्मीय विकिरण की दर :

(i)   काले पृष्ठ से ऊष्मीय विकिरण के उत्सर्जन की दर सबसे अधिक तथा चमकीले पृष्ठ से सबसे काम होती है. 

(ii)   यह दर पृष्ठ के क्षेत्रफल के समानुपाती होती है तथा 

(iii)  वस्तु के परम ताप की चतुर्थ घात के अनुक्रमानुपाती होती है. 

अर्थात्   E \infty  T^{4}          या        \frac{E_{1}}{E_{2}} = \frac{T_{1}^{4}}{T_{2}^{4}}

33.   उत्सर्जकता :

= \frac{किसी  पृष्ठ  से  विकिरण  की  दर}{उतने  ही  क्षेत्रफल  के  पूर्णत:  काले  तल  से  विकिरण}

= \frac{किसी  पृष्ठ  से  उत्सर्जित  होने  वाली  ऊष्मा  की  मात्रा}{उस  पृष्ट  तल  पर  गिरने  वाली  ऊष्मा  की  मात्रा}

34.    अवशोषकता = \frac{अवशोषित   विकिरण}{उसी  समय  में  आपतित  विकिरण}

35.    न्यूटन का शीतलन नियम :

वस्तु के ठंडे होने की दर वस्तु तथा वायुमंडल  के तापान्तर के समानुपाती होती है अर्थात्

Q \infty  \frac{\theta_{1}-\theta_{2}}{t}

\theta_{1}=  गर्म वस्तु का तापक्रम,   \theta_{2}=  वायुमण्डल  का तापक्रम 

36.    छड़ के गर्म सिरे के ठण्डे सिरे  की ओर बहने वाली ऊष्मा की मात्रा,      Q = \frac{K.A.(\theta_{1}-\theta_{2})t}{d}         (सूत्र)

जहाँ,  A =  छड़ के परिच्छेद का क्षेत्रफल,  d = छड़ की लम्बाई,  t =  ऊष्मा के बहने का समय,  (\theta_{1}-\theta_{2})  =  दोनों सिरों का तापान्तर तथा K =  ऊष्मा चालकता गुणांक 

K का मात्रक = कैलोरी प्रति सेमी प्रति  ^{\circ}C, प्रति सेकण्ड 

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