1. साधारण ब्याज में ब्याज पर ब्याज नहीं लगता. अत: प्रत्येक वर्ष का ब्याज, मूलधन P पर ही लगाया जाता है जिससे प्रत्येक वर्ष की ब्याज राशि समान होती है. इस ब्याज की गणना निम्न सूत्र से की जाती है:
साधारण ब्याज, S.I. = \frac{P \times R \times T}{100} = \frac{मू० ध० \times दर \times समय}{100}
मिश्रधन = मूलधन + ब्याज = P + I
2. चक्रवृद्धि ब्याज में ब्याज पर ब्याज लगाया जाता है. अत: प्रत्येक वर्ष का मिश्रधन, अगले वर्ष का मूल धन होता है. इस ब्याज की गणना निम्न सूत्र से की जाती है:
चक्रवृद्धि मिश्रधन, A = P \left(1 + \frac{R}{100}\right)^{2T}, C.L. = A - P
3. यदि चक्रवृद्धि ब्याज छमाही संयोजी है तब समय को दुगुना तथा दर को आधा कर के उपरोक्त सूत्र का प्रयोग करते हैं अर्थात्
A = P \left(1 + \frac{R/2}{100}\right)^{2T}, C.L. = A - P का प्रयोग करते हैं.
4. यदि ब्याज तिमाही संयोजी है तब दर को एक-चौथाई तथा समय को चौगुना करके, सूत्र का प्रयोग करते हैं अर्थात्
A = P \left(1 + \frac{R/4}{100}\right)^{4T}, C.L. = A - P
5. छूट या कटौती या मित्तीकाटा या बट्टा या कमीशन (Discount) की गणना सदैव अंकित मूल्य या विज्ञापित मूल्य पर की जाती है.
6. यदि किसी वस्तु पर अंकित मूल्य रु० P है तथा उस पर x% की कटौती है, तब कटौती = P \times \frac{x}{100}
\therefore विक्रय मूल्य, S.P. = P - \frac{Px}{100} = P \left(1 + \frac{x}{100}\right)
7. क्रमिक कटौतियाँ : यदि किसी वस्तु पर अंकित मूल्य रु० P है तथा उस पर x%, y% तथा z% की तीन क्रमिक कटौतियाँ हैं, तब
विक्रय मूल्य = P \left(1 - \frac{x}{100}\right)\left(1 - \frac{y}{100}\right)\left(1 - \frac{z}{100}\right) ये तीनों कटौतियाँ \left(x + y + z - \frac{xy}{100} - \frac{yz}{100} - \frac{xz}{100} + \frac{xyz}{100 \times 100}\right) के समतुल्य एक कटौती के बराबर है. जैसे मूल्य पर 10%, 5% तथा 2% की तीन क्रमिक कटौतियाँ, \left(10+5+2 - \frac{50}{100} - \frac{10}{100} - \frac{20}{100} + \frac{100}{100 \times 100}\right)
= 17 - \frac{50 + 10 + 20 - 1}{100} = 17 - \frac{79}{100} = \frac{1621}{100}
= 16.21 % की एक कटौती के तुल्य है.
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8. प्रतिशत वृद्धि या कमी : यदि किसी वस्तु की कीमत र० P थी और अब उसके मूल्य में 20% की वृद्धि हो गई है तो उसका
नया मूल्य = P\left(1 + \frac{20}{100}\right) = \frac{120P}{100} रु० होगा. इसी प्रकार मूल्य 20% कम होने पर,
नया मूल्य = P\left(1 - \frac{20}{100} = \frac{80P}{100}\right) र० होगा.
यदि उस वस्तु के मूल्य में 20% की दो क्रमिक वृद्धियाँ की गई हैं तो
नया मूल्य = P\left(1 + \frac{20}{100}\right)^{2} होगा.
यदि 10%, 5% तथा 2% की तीन क्रमिक वृद्धियाँ की गई हैं
तब नया मूल्य = P\left(1 + \frac{10}{100}\right)\left(1 + \frac{5}{100}\right)\left(1 + \frac{2}{100}\right) होगा.
9. बैंक ब्याज (Bank Interest) : वर्तमान नियम के अनुसार,
(i) ब्याज आपके खाते में जमा प्रति दिन की धनराशि पर दिया जाता है.
(ii) ब्याज प्रत्येक छ: माही पर दिया जाता है. अर्थात् छ: माह का ब्याज आपके खाते में जमा कर दिया जाता है जबकि पहले यह तिमाही पर दिया जाता था. अब खाते में ब्याज सितम्बर के अन्त में तथा मार्च के अन्त किया जाता है.
10. चाल (Speed) : v = \frac{s}{t} = \frac{दूरी}{समय}
चाल की मात्रकें मीटर/से० या किमी०/घंटा हैं.
1 किमी०/घं० = (5/18) मी०/से० 1मी०/से० = (18/5)किमी/घं०.
11. नाव की चाल : यदि नाव की चाल u तथा धारा की चाल v है, तब, घारा की दिशा में नाव की चाल = u + v तथा धारा की विपरीत दिशा में नाव की चाल = u – v
12. सापेक्ष चाल (Relative Velocity) : यदि A तथा B की चाल क्रमश: u तथा v हैं तथा
(i) जब दोनों एक ही दिशा में गतिमान हैं तब
B के सापेक्ष, A की चाल = A की चाल – B की चाल = u – v
A के सापेक्ष B की चाल = B की चाल – A की चाल = v – u
(ii) यदि दोनों विपरीत दिशा में गतिमान हैं, तब
B के सापेक्ष A की चाल = u – (-v) = u + v
A के सापेक्ष B की चाल = v – (-u) = v + u
13. दो गाडियों की लम्बाइयाँ l_{1} तथा l_{2} हैं और उनके बेग u तथा v हैं तब तेज गाड़ी द्वारा धीमी गति से चल रही गाड़ी को पार करने
में लगा समय t = \frac{l_{1}+ l_{2}}{u \pm v} (सूत्र)
यदि गाड़ियाँ विपरीत दिशा में चल रही हैं तब + ve चिन्ह का प्रयोग करें और यदि एक ही दिशा में चल रही हैं तब – ve चिन्ह का प्रयोग करें.
यदि दूसरी गाड़ी अथवा ऐसी वस्तु जो गतिमान नहीं है, जैसे पेड़, खम्भा, पुल, प्लेटफार्म आदि तब v का मान शून्य लें और पेड़, खम्भे अथवा व्यक्ति को पार करने में l_{2} का मान भी शून्य लें.
14. कार्य तथा समय :
(i) यदि एक व्यक्ति किसी कार्य को x दिन में पूरा करता है तब उसका एक दिन का काम = \frac{1}{x} भाग
(ii) यदि एक व्यक्ति किसी कार्य को x दिन में, दूसरा व्यक्ति y दिन में तथा तीसरा व्यक्ति z दिन में कर सकता है तो तीनों मिलकर एक दिन में कार्य सरेंगे =\left(\frac{1}{x} + \frac{1}{y} + \frac{1}{z}\right) भाग
\Rightarrow तीनों मिलकर कार्य पूरा करेंगे =\frac{xyz}{xy + yz + xz} दिन में
(iii) मज़दूरी को काम के अनुपात में बाँटा जाता है.
यदि एक पुरुष तथा एक महिला के कार्यों में 4 : 3 का अनुपात है तब मिली कुल मज़दूरी भी उनमें 4 : 3 का अनुपात में बाँटी जाएगी.
(iv) मजदूरियों का अनुपात :
\frac{A की मज़दूरी}{B की मज़दूरी} = \frac{कार्य पूरा करने में B को लगे दिन}{कार्य पूरा करने में A को लगे दिन}
यदि A किसी काम को 10 दिन में कर सकता है तथा B 20 दिन में, तब
\frac{A की मज़दूरी}{B की मज़दूरी} = \frac{20}{10} = \frac{2}{1} अर्थात् 2 : 1
(v) मज़दूरी एवम् दक्षता :
मज़दूरियों को दक्षता के अनुपात में बाँटा जाता है.
\frac{A की मज़दूरी}{B की मज़दूरी} = \frac{A की दक्षता}{B की दक्षता}
यदि A, B की अपेक्षा दुगना दक्ष है तब A को B से दुगनी मज़दूरी मिलेगी.
15. लाभ-हानि (Profit and Loss) :
(i) लाभ = बिक्रय मूल्य – क्रय मूल्य
(ii) हानि = क्रय मूल्य – बिक्रय मूल्य
(iii) प्रतिशत लाभ = \frac{लाभ}{क्रय मूल्य} \times 100
(iv) प्रतिशत हानि = \frac{हानि}{क्रय मूल्य} \times 100